लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद से एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। ऐसे में अब प्रदेश की योगी सरकार भी सक्रिय हो गई है। वहीं लगातार मीटिंग हो रही हैं। ऐस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा की, जिसके बाद उन्होंने कहा कि राजस्व के रूप में मिलने वाली धनराशि जनता की है। इसलिए यह धनराशि उनके कल्याण पर ही खर्च होंगे। वहीं, राज्यकर विभाग में सबसे मलाईदार माने जाने वाले सचल दल और एसआईबी शाखा के कामकाज पर अब मुख्यमंत्री खुद नजर रखेंगे। इसके लिए उन्होंने विभाग के अधिकारियों को इन दोनों शाखाओं की रिपोर्ट हर महीने उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं
बता दें कि मुख्यमंत्री ने समीक्षा में पहली तिमाही में प्रदेश में 51 हजार करोड़ से अधिक के राजस्व संग्रह पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा यह पैसा जनता के कल्याण पर ही खर्च होगा। राजस्व चोरी को राष्ट्रीय क्षति बताते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी चोरी रोकने के भी निर्देश दिए हैं। राज्य कर की विशेष जांच शाखा और सचल दल इकाइयों की सक्रियता बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि उनके टारगेट तय करें और प्रदर्शन की रिपोर्ट हर महीने मुख्यमंत्री कार्यालय में उपलब्ध कराएं। उन्होंने ये भी कहा कि हाल में उनकी सजगता से कर चोरी पर रोक में सफलता मिली है लेकिन अभी कार्यशैली में व्यापक सुधार की जरूरत है।