राजधानी में वायु प्रदूषण हॉटस्पॉट इलाकों से बाहर निकल गया है। प्रदूषण ने अपने पैर अब हरियाली वाले इलाकों में पसार दिए हैं। लोदी रोड, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, पूसा, सिरी फोर्ट व डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज सहित कई इलाकों की हवा बेहद खराब हो चुकी है। ऐसे में लोग प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। अगर इसी तरह हवा की स्थिति बिगड़ती गई तो ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के दूसरे चरण की बंदिशें लागू की जा सकती हैं।
बृहस्पतिवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर पर 285 दर्ज किया गया। यह बुधवार की अपेक्षा 55 अंक अधिक है। यही स्थिति शनिवार तक बने रहने का अनुमान है। वहीं, रविवार तक हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। विशेषज्ञों ने बताया कि पड़ोसी राज्यों से पराली का धुआं, वाहनों का प्रदूषण हवा में जहर घोल रहा है। हवा में नमी कम होने से प्रदूषण कण संघन हो रहे हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषकों के प्रभावी फैलाव के लिए मौसम संबंधी स्थितियां अत्यधिक प्रतिकूल हैं। पराली जलाने से होने वाले अतिरिक्त उत्सर्जन से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होने की आशंका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार पंजाबी बाग और पटपड़गंज सहित 12 इलाकों में हवा अति गंभीर से गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई जबकि नेहरू नगर, बवाना समेत 17 इलाकों में बेहद खराब श्रेणी में हवा रही। विशेष बात यह है कि किसी भी इलाके में एक्यूआई खराब श्रेणी में नहीं रिकॉर्ड किया