कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच CBI कर रही है. ऐसे में इस मामले को रद्द करने के लिए शिवकुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसके लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल कोर्ट ने आज ये कहते हुए खारिज कर दिया है कि याचिका में कोई दम नहीं है और मामले में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. कोर्ट के इस फैसले को डीके शिवकुमार ने अनुचित बताया है और उन्होंने सीबीआई की इस कार्रवाई को राजनीति से भरा प्रतिशोध करार दिया.
ऐसे में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि “मैं सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करूंगा और देखूंगा की आगे कैसे अपील कर सकता हूं. मेरे सारे मामले राजनीति और प्रतिशोध से भरे हुए हैं. जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आई तो जांच के लिए सीबीआई को दी गई अनुमति वापस ले ली गई और मामले लोकायुक्त को सौंप दिया गया लेकिन इसके बाद भी सीबीआई ने जांच जारी रखी. यह सब कुछ सरकार की सहमति वापस लेने के बाद हो रहा है, जो कि बिल्कुल अनुचित है.”
वहीं इस पूरे मामले की अगर हम बात करें तो सीबीआई का आरोप है कि डीके शिवकुमार ने 2013 से 2018 के बीच अर्जित की गई संपत्ति का कोई भी साफ आय स्रोत नहीं पता चला रहा है. उन पर करीबन 74 करोड़ रुपये के हेराफेरी का आरोप है. इस मामले में सीबीआई ने 2020 में मामला दर्ज किया था. दर्ज किए गए मामले को डीके शिवकुमार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.